Last Updated on September 12, 2022 by sahil mirza
Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
भारतीय राजस्व सेवा के आयकर विभाग में काम करने वाला व्यक्ति। जिसने देखा कि हमारी सरकार में भ्रष्टाचारियों की कमी नहीं है । इसी भ्रष्टाचार को खत्म करने की ठानी। और फिर बना दिल्ली का मुख्यमंत्री। और भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसा ! ऐसा काम करने वाले और कोई नहीं ! अरविंद केजरीवाल जी हैं। तो आइए जानते हैं। अरविंद केजरीवाल के बारे में।
अरविंद केजरीवाल का जन्म (Birth of Arvind Kejriwal )
केजरीवाल का जन्म (Arvind Kejriwal) 16 अगस्त 1968 में एक छोटे से गांव सिवानी, हरियाणा राज्य के हिसार जिले में हुआ।
उनके पिता का नाम गोविंद केजरीवाल। और माता का नाम गीता केजरीवाल है। उनके पिता बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के इंजीनियर थे। और इनकी माता ग्रहणी थी।
उनके परिवार में कुल 5 सदस्य हैं। उनके माता-पिता और तीन भाई बहन जिसमे यह सबसे बड़े है। अपना बचपन अपने गांव की छोटी गलियों में खेलते हुए बिताया।
अरविंद केजरीवाल Wiki / Bio – Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
पूरा नाम | अरविंद केजरीवाल |
जन्म | 16 अगस्त 1968 |
आयु Age | 54 वर्ष 2022 तक |
जन्म स्थान | सिवान , हरियाणा , भारत |
ऊंचाई height | 5feet 6inch (165cm) |
वजन weight | 68 kg |
निवास स्थान | नई दिल्ली |
पेशा | राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता |
राजनीतिक पार्टी | आम आदमी पार्टी |
पद | मुख्यमंत्री दिल्ली |
कार्यकाल | फरवरी 2014 से अब तक लगातार 3 बार मुख्यमंत्री |
परिवार | |
पिता का नाम | गोविंद केजरीवाल |
मां का नाम | ज्ञात नहीं |
जीवनसाथी | सुनीता केजरीवाल |
बच्चे 2 |
बेटी हर्षिता केजरीवाल बेटा पुलकित केजरीवाल |
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अरविंद केजरीवाल की शिक्षा (Arvind Kejriwal Education) Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
केजरीवाल ने अपनी प्रथम शिक्षा की शुरुआत गाजियाबाद हिसार स्थित कैंपस स्कूल से की। इसके बाद वह क्रिश्चियन मिशनरी पढ़ने के लिए गए । यह क्रिश्चियन स्कूल था। इसी स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरा करने के बाद।
अपने पिता की तरह इंजीनियर बनना चाहते थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए यह खड़कपुर आईटीआई में अपना दाखिला करा लिया।\
और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
डिग्री प्राप्त करने के बाद जमशेदपुर टाटा स्टील फैक्ट्री में काम करने के लिए गए । लेकिन इनको इंटरव्यू से ही बाहर कर दिया गया। यह टाटा स्टील में काम करना चाहते थे । लेकिन उनको नौकरी नहीं मिल पाई । फिर 1 साल बाद इंटरव्यू के लिए दोबारा गए। इस बार इनको टाटा स्टील में मैनेजर की पोस्ट पर नौकरी मिल गई ।
इस कंपनी में कुछ ही समय काम करने के बाद। यह UPSC की तैयारी करने लगे UPSC मैं उनको अच्छी सफलता हासिल हुई । और IRS यानी ( इंडियन रिवेन्यू सर्विस) ! भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी पद पर नियुक्त मिल गई।
अरविंद केजरीवाल का परिवार(Arvind Kejriwal Family)
अरविंद केजरीवाल का परिवार पहले तो हरियाणा ! के हिसार जिला सिवानी गांव में ही रहता था। लेकिन बाद में यह और उनका परिवार दिल्ली में रहकर रहने लगे । उनके परिवार में कुल 6 सदस्य हैं उनके माता-पिता उनकी पत्नी और दो बच्चे हमेशा से ही अपने माता पिता के साथ रहे। Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
अरविंद केजरीवाल की शादी(Arvind Kejriwal Marriage)
अरविंद केजरीवाल की पत्नी का नाम सुनीता केजरीवाल(Sunita Kejriwal) है। सुनीता और अरविंद केजरीवाल की प्रेम कहानी बहुत ही दिलचस्प है। जब दोनों को IRS की नौकरी एक साथ मिली थी ! यह इससे पहले एक दूसरे को नहीं जानते थे ।
जब IRS की ट्रेनिंग चल रही थी। तो दोनों की मुलाकात हुई। उसके बाद या एक दूसरे को अच्छी तरह से जानने लगे । और एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए। दोस्त बनने के कुछ समय बाद एक दूसरे से प्यार हो गया ।
लेकिन प्यार का इजहार एक दूसरे से करना बहुत मुश्किल था ।मन ही मन में। यह एक दूसरे को चाहते थे लेकिन इजहार करने की किसी की भी हिम्मत नहीं हुई।
1 दिन केजरीवाल ने हिम्मत जुटाकर सुनीता से अपने प्यार का इजहार कर दिया ! यह सुनते ही सुनीता झट से मान गई। वह चाहती थी कि कोई उनको ऐसा मिले जो ईमानदार हो !और इनको केजरीवाल में या सारी खूबियां नजर आई । यह दोनों IRS की नौकरी एक साथ करते थे।
इसीलिए दोनों के घर वाले भी शादी के लिए हंसी खुशी से मान गए। अगस्त 1994 दोनों की सगाई हुई और नवम्बर1994 में दोनों की शादी हो गई। उनके दो बच्चे हैं।शादी के 1 साल बाद इनके घर एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम हर्षिता केजरीवाल रखा गया सन 2001 में इनको एक बेटा हुआ इसका नाम पुलकित केजरीवाल(Pulkit Kejriwal) रखा गया। Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
अरविंद केजरीवाल का करियर(Arvind Kejriwal Career)
अरविंद केजरीवाल के करियर में बहुत ही चढ़ाव उतार हुए है
अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद टाटा स्टील कंपनी 1989 में नौकरी की। 3 वर्ष काम करने के बाद इन्हों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और (upsc) की करने लगे। ( UPSC ) में अच्छी सफलता मिली और उन्हें भारत सरकार द्वारा राजस्व सेवा के पद पर नियुक्ति मिली
यही से उनको अंदाजा हुआ !कि हमारी प्रणाली में कितना भ्रष्टाचार है ! इसी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखा।
राजनीति में आगमन
सन 2011 से पहले अरविंद केजरीवाल को कोई भी नहीं जानता था। 2011 में एक आंदोलन चला जिसको अन्ना आंदोलन नाम दिया गया ।यह आंदोलन पूरे भारतवर्ष में आग की तरह फैला हुआ था ।
यह आंदोलन सरकार से लोकपाल विधेयक बिल पास करने के लिए किया गया था। इस आंदोलन में मुख्य समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ ! साथ किरण बेदी, प्रशांत भूषण, बाबा रामदेव, अरविंद केजरीवाल थे।
इसी आंदोलन से अरविंद केजरीवाल को पहचान मिली ! और आंदोलन का मुख्य चेहरा बनकर उभरे। अरविंद केजरीवाल राजनीति में नहीं जाना चाहते थे। लेकिन राजनीति भ्रष्टाचार की गंदगी को देखते हुए । इस गंदगी को दूर करने के लिए । राजनीति में जाने का फैसला लिया
Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
आम आदमी पार्टी का गठन
जब अन्ना हजारे और केजरीवाल भ्रष्टाचार और लोकपाल विधेयक बिल , के नाक समान समाजसेवी 2011 में आंदोलन कर रहे थे। केजरीवाल ने क्या फैसला लिया ! कि अब आम आदमी पार्टी का गठन किया जाए ।और राजनीति में रहकर भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए।
2012 में आम आदमी पार्टी बनाने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया । लेकिन पार्टी की घोषणा अभी तक नहीं की गई अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि पार्टी की घोषणा 26 नवंबर को हो जिस दिन भारत देश का संविधान लागू हुआ।
26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी की घोषणा हुई। और पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू मिला। पार्टी ने यह नारा दिया कि ! इसी झाड़ू से हम भ्रष्टाचार की गंदगी को पूरी तरह से दिल्ली से साफ कर देंगे।
Arvind Kejriwal Chief Minister Of Delhi
पार्टी और अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफर
पार्टी ने अपना पहला चुनाव । (4 दिसंबर 2013) दिल्ली विधानसभा चुनाव चुनाव । और पार्टी बनते ही पार्टी पर आरोप-प्रत्यारोप लगने लगे सबसे बड़ा आरोप यह लगा भारत सरकार के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया ।कि आम आदमी पार्टी को विदेश से दान दिया जाता है।
लेकिन पार्टी ने दान राशि का संपूर्ण विवरण अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया ।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार लड़ने वाली पार्टी ! आम आदमी पार्टी को 70 में से 28 सीटों पर विजय हुई।
और केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी के वर्तमान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25,000 से अधिक वोटों से हराया।
कांग्रेस पार्टी के समर्थन से 27 दिसंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए।
जन लोकपाल बिल पास ना होने के कारण ! अरविंद केजरीवाल ने 14 फरवरी को 49 दिन की सरकार चलाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया !
इसके बाद दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू हो गया
2015 में दोबारा चुनाव हुए और दिल्ली वासियों ने आम आदमी पार्टी को पुरजोर तरीके से मतदान किया ।
आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा में-70 में – से 67 जीत हासिल हुई। दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई !
3 सीटें भाजपा को मिली। और दिल्ली में कांग्रेस का 2015 में खाता भी नहीं खुला।
2020 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए ! और इस बार आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की !केजरीवाल ने तीसरी बार अपनी सरकार बनाई।
इस बार भाजपा को 8 सीटों पर विजय हासिल हुई । वही कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
केजरीवाल के सराहनीय कार्य
सिविल सरकार के सत्ता में आते ही। भ्रष्टाचार पर 80 फ़ीसदी लगाम लगा दी । और अनेक सरकारी भ्रष्ट कर्मचारियों को जेल भेजा ।
दिल्ली में 2000 लीटर पानी मुफ्त किया
हर घर पर 200 यूनिट बिजली फ्री की
सरकारी अस्पतालों में दवाइयां मुफ्त की
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट कोटा खत्म किया
महिलाओं के लिए दिल्ली में बस सेवा फ्री की
बुजुर्गों को फ्री तीर्थ यात्रा पर भेजा
केजरीवाल सरकार ने सबसे सराहनीय कार्य शिक्षा के क्षेत्र में किया । आज दिल्ली के सरकारी स्कूल और स्कूलों की शिक्षा किसी प्राइवेट स्कूल से काफी अच्छी है
डॉनल्ड ट्रंप की पत्नी दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने के लिए आ चुकी हैं।
पुरस्कार(Award)
केजरीवाल को 2004 में अशोक फैलो,
2005 में सत्येंद्र दुबे मेमोरियल अवॉर्ड,
2006 में रमन मैगसेसे अवॉर्ड
2006 में इंडियन ऑफ द ईयर
पुस्तकें(Books)
1 – सूचना का अधिकार
2- स्वराज
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